एंबुलेंस के इंतजार में गई मरीज की मौत: परिजन कई घंटे एंबुलेंस के लिए मशक्कत करते रहे, समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो बच जाती जान
धनबाद में अचानक ब्रेन हेमरेज के बाद एंबुलेंस के इंतजार में मरीज की मौत हो गई. अगर एंबुलेंस सही समय पर पहुंच जाती तो शायद उसकी जान बच जाती। परिजन लगातार 108 नंबर पर संपर्क करते रहे लेकिन सही समय पर उन तक मदद नहीं पहुंची। धनबाद में मनीटांड़ के रहने वाले 73 वर्षीय केसर साव की मौत हो गई। मंगलवार की सुबह पांच बजे अचानक ब्रेन हेमरेज हो गया। जिसके बाद आसपास के लोगों की मदद से मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद से परिजन एंबुलेंस के लिए प्रयास करते रहे लेकिन वह नहीं मिली। इंतजार के दौरान मरीज की मौत हो गई।
मदद मिलती तो बच जाती जान
घटना के बाद परिजन आक्रोशित हैं कि उन्हें इस लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। वेंटिलेटर व अन्य सुविधाओं से लैस 108 में से 28 एंबुलेंस अपनी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन सही समय पर एंबुलेंस नहीं मिलना इस सुविधा पर सवाल खड़ा कर रहा है. परिजनों का आरोप है कि 108 एंबुलेंस अब निजी अस्पतालों में भी सेवा दे रही है, इसलिए अगर कोई सरकारी अस्पताल से एंबुलेंस मंगवाता है तो उन्हें समय पर यह सुविधा नहीं मिलती है.
मरीज को वेंटिलेटर पर रखकर रिम्स रेफर कर दिया गया
परिजनों ने बताया कि सुबह करीब पांच बजे ब्रेन हैमरेज हुआ। मरीज को इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उसकी हालत देख रांची रिम्स रेफर कर दिया. डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर पर रांची ले जाने की सलाह दी. 108 एंबुलेंस में कई आधुनिक सुविधाएं हैं। परिजन लगातार 108 नंबर पर कॉल कर एंबुलेंस से संपर्क करने का प्रयास करते रहे, लेकिन एक घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद कर्मियों ने बताया कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है. एंबुलेंस के इंतजार में मरीज की मौत हो गई। एक एंबुलेंस चालक का कहना है कि शहर में करीब 28 एंबुलेंस काम कर रही हैं। जो 24 घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं। लेकिन कभी-कभी एंबुलेंस बहुत व्यस्त होती है जिससे हम समय पर नहीं पहुंच पाते हैं।
हवा में दौड़ रही एंबुलेंस, लेकिन जमीन पर…
प्रदेश में एंबुलेंस सुविधा को और बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के मरीज बेहतर इलाज के लिए दूसरे राज्यों में जा सकें, इसके लिए एयर एंबुलेंस शुरू की गई है। अस्पतालों को कई आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अगर प्रदेश में मरीजों को सही समय पर एंबुलेंस नहीं मिलेगी तो उन्हें इन सुविधाओं का लाभ कैसे मिलेगा।