
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान जेलों से रिहा हुए सभी सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों को 15 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करना होगा। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने यह भी कहा कि महामारी के दौरान आपात स्थिति में रिहा किए गए विचाराधीन कैदी अब संबंधित अदालत में जमानत पर रिहाई के लिए याचिका दायर कर सकते हैं. वहीं सरेंडर करने के बाद सजायाफ्ता कैदी संबंधित कोर्ट में याचिका दायर कर सजा में छूट की मांग कर सकते हैं.
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बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एक उच्च स्तरीय समिति की सलाह पर विभिन्न राज्य सरकारों ने गैर जघन्य अपराधों में बंद कैदियों को रिहा करने का फैसला किया था.

यूपी निकाय चुनाव मामले में सुनवाई टली
यूपी निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. अब सुप्रीम कोर्ट 27 मार्च को मामले की सुनवाई करेगा. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर मेयर और अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण होना है. हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें पिछड़ों को आरक्षण देने का फॉर्मूला दिया गया है. राज्य सरकार ने यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपकर चुनाव कराने की अनुमति मांगी है।
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