रांची के सांसद संजय सेठ ने आज मोमबत्ती जलाकर पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य सरकार के रवैये पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पानी और बिजली के संकट से जूझ रही है और सरकार चैन की नींद सो रही है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की वजह से सरकार बनी है, उन्हीं लोगों को इस राज्य में नकारा जा रहा है. जनता की चिंता से इस सरकार को कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस सरकार को लोगों की समस्याओं की परवाह नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
बिजली का चश्मदीद फरवरी से ही शुरू हो गया था।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राजधानी रांची में फरवरी माह से ही बिजली की समस्या शुरू हो गयी है. ट्रांसफार्मर जलने की शिकायत लेकर लोग पहुंचने लगे हैं। इसके साथ ही जल संकट भी शुरू हो गया है। यह इस राज्य का दुर्भाग्य है कि ऐसी सरकार यहां शासन चला रही है, जिसका इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है। इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती से बच्चे, बुजुर्ग, मरीज, किसान परेशान हैं. लघु उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण गांव के किसान अपने खेतों में पानी नहीं डाल पा रहे हैं. बिजली की किल्लत से छोटे व्यापारी परेशान हैं।
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पानी के लिए छटपटाते लोग
उन्होंने कहा कि राजधानी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। लोग पानी भरने के लिए जाग रहे हैं। रांची नगर निगम लोगों तक पानी पहुंचाने में पूरी तरह विफल रहा है. पानी के लिए लोग आपस में लड़ भी रहे हैं। रांची के 60 फीसदी चापाकलों की बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार है. करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद बोरिंग फेल, कोई देखने-सुनने वाला नहीं है। राज्य सरकार ने प्रदेश के लोगों को ऐसे दौर में जीने को मजबूर कर दिया है जैसे 50 साल पहले लोग पंखा चलाकर गर्मी को मात देते थे और लालटेन जलाकर घर को रोशन करते थे.
सीएम, मंत्री और अधिकारी बंगले में मस्त हैं
इस भीषण गर्मी में जनता बेहाल है जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी अपने बंगलों में दुबके हुए हैं. बिजली-पानी के बिना यहां के लोग बेहाल हैं। कहा कि यह खेदजनक लगता है कि सरकार के पास बिजली और पानी के संकट को दूर करने के लिए कोई विजन नहीं है। उन्होंने बताया कि ईचागढ़ से सिल्ली व कांके, खिजरी, हटिया, खलारी में रोजाना दर्जनों फोन आ रहे हैं. कहीं बिजली संकट है। कहीं जल संकट है। कहीं हाथ के औजार खराब हो गए हैं। कहीं जल मीनार तो तैयार है लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। यह है ग्रामीण क्षेत्रों का हाल
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धरातल पर नहीं उतर सकी केंद्र की योजना
सांसद संजय सेठ ने बताया कि भारत सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत इस राज्य को करोड़ों रुपये दिए. लेकिन राजधानी में भी उस योजना को धरातल पर पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है. अधिकारी फाइलों को ले जाते हैं और मंत्री अपने वाहनों में घूमते हैं। यही इस सरकार का चरित्र है। सांसद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राजधानी की जनता को बख्शने का अनुरोध किया. कम से कम उनके लिए पानी और बिजली की समुचित व्यवस्था तो सुनिश्चित करें ताकि जनता को इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके।