कुख्यात अपराधी अमन श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी झारखंड और महाराष्ट्र एटीएस की संयुक्त कार्रवाई से संभव हो पाई है. अमन श्रीवास्तव को मुंबई में हिरासत में लेने के बाद आज रांची लाया गया. डीजीपी अजय कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है। पत्रकार वार्ता में बताया गया कि संगठित तरीके से अपराध करने में कुख्यात अपराधी अमन श्रीवास्तव पिछले 8 सालों से आतंक का पर्याय बना हुआ था.
अलग-अलग तरह के 23 मामले दर्ज
डीजीपी ने कहा कि अमन श्रीवास्तव के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं. कुल 23 मामले दर्ज हैं। इसके ऊपर हत्या के दो, हत्या के प्रयास के चार, रंगदारी के तेरह, आर्म्स एक्ट के दो, यूपी एक्ट का एक व अन्य मामले दर्ज हैं. इसके अलावा अमन श्रीवास्तव गिरोह के खिलाफ प्रदेश के अन्य जिलों में भी कई मामले दर्ज हैं. बताया गया कि गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव राज्य के कोयला खनन क्षेत्र और विकास योजना में काम करने वाली कंपनियों और कारोबारियों में भाईचारा और आतंक का माहौल पैदा कर लगातार रंगदारी की मांग करता था. रंगदारी के लिए फायरिंग व अन्य विध्वंसक वारदातों को अंजाम देता था। इससे व्यवसायियों व आम जनता में काफी भय व दहशत का माहौल रहा।
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अमन श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज
हत्या के बाद गैंगस्टर बना पिता
अमन श्रीवास्तव अपने पिता सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद गैंगस्टर बन गया था। जून 2015 को हजारीबाग कोर्ट परिसर में सुशील श्रीवास्तव की हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद सुशील के बड़े बेटे अमन श्रीवास्तव ने गिरोह की कमान संभाली। उसकी मदद अमरेंद्र तिवारी और रामगढ़ के लखन साव करते थे। 26 अक्टूबर 2016 को अमन श्रीवास्तव के इशारे पर किशोर पांडेय के बुजुर्ग पिता कामेश्वर पांडेय की पतरातू में हत्या कर दी गई थी.
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घटना की जिम्मेदारी ली
अमन श्रीवास्तव राज्य के रामगढ़, लोहरदगा, लातेहार, चतरा और रांची जिलों में आतंक के निशाने पर था. अमन श्रीवास्तव गिरोह रेलवे साइडिंग से जुड़े व्यवसायियों से रंगदारी वसूलता है। रंगदारी गिरोह में सबसे सक्रिय अमन श्रीवास्तव गिरोह है। यह गिरोह उग्रवादी संगठनों की तरह पर्चे छोड़ कर रंगदारी मांगता है। घटना को अंजाम देने के बाद पर्चा छोड़ जिम्मेदारी भी लेता है।