रांचीएक घंटे पहले
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एनसीपी विधायक कमलेश सिंह
झारखंड मुक्ति मोर्चा को एनसीपी से बड़ा झटका लगा है. एनसीपी के एकमात्र विधायक कमलेश सिंह ने हेमंत सोरेन की सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. उन्होंने समर्थन वापसी को लेकर राज्यपाल को पत्र भी लिखा है. जल्द ही राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इसकी जानकारी देंगे. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है. ऐसे में मैं तत्काल प्रभाव से समर्थन वापस ले रहा हूं.
पार्टी ने दिया समर्थन, सरकार ने दिया आश्वासन
एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि हमने सरकार बनाने और बचाने में हेमंत सोरेन का साथ दिया. सरकार कई मुद्दों पर जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी. इतने सालों तक सरकार ने काम के बजाय आश्वासन ही दिया है। अंततः हमें इस सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। समर्थन वापसी की घोषणा के दौरान हुसैनाबाद विधायक ने कहा कि हमने औपचारिक तौर पर समर्थन वापसी की घोषणा कर दी है. इस संबंध में जल्द ही राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भी जानकारी दी जायेगी.
मांग पूरी करने के बदले मिला आश्वासन
पार्टी कार्यालय में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद को जिला का दर्जा देने, बालू घाटों की व्यवस्था करने जैसे मुद्दों पर राज्य सरकार से लगातार मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार की ओर से काम और मांगों को पूरा करने के बजाय सिर्फ आश्वासन ही मिला. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने जानबूझकर एक भी समस्या का समाधान नहीं किया. ऐसे में समर्थन वापसी ही एकमात्र विकल्प बचा था. मौके पर एनसीपी के प्रदेश प्रवक्ता सूर्य सिंह ने कहा कि 2024 के चुनाव में मुख्यमंत्री राज्य की जनता को क्या जवाब देंगे. फिलहाल पलामू में एनसीपी के एकमात्र विधायक हेमंत सरकार के साथ थे. ऐसे में मुख्यमंत्री ने अपने कृत्यों के कारण वह भी खो दिया है.