मुगल हरम: हरम में 5000 महिलाएँ थीं, सभी को काम के बदले वेतन मिलता था

आपको जानकर हैरानी होगी कि इसकी शुरुआत बाबर ने की थी. लेकिन अकबर ने इसे बड़ा और सुंदर बनवाया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अकबर के शासनकाल के दौरान हरम में 5000 से अधिक महिलाएं थीं, जिनमें उसकी रानियां, रखैलें, नौकरानियां और महिला कर्मचारी शामिल थीं।

दरअसल, अरबी भाषा में हरम का मतलब पवित्र स्थान होता है। उस समय ऐसा नियम हुआ करता था कि केवल सम्राट को ही हरम में प्रवेश की अनुमति थी। इतना ही नहीं, हरम में रहने वाली महिलाएं अलग-अलग जाति और धर्म से होती थीं। नियम था कि यहां रहने वाली महिलाओं को पर्दे में रहना पड़ता था। पर्दे में रहने के कारण कई नौकरानियां ऐसी भी थीं जो अपना पूरा जीवन पर्दे में ही गुजारती थीं। क्योंकि न राजा की दृष्टि उन पर पड़ी, न उस की उन पर।

कम ही लोग जानते हैं कि हरम कई हिस्सों में बंटा हुआ होता था. इसमें रानियों, दासियों और उपपत्नियों के स्थान अलग-अलग थे। इतना ही नहीं, जो महिला राजा को बहुत पसंद करती थी उसके पास एक कमरा भी होता था. हरम में रहने वाली महिलाओं को बगीचों की देखभाल, चमकदार पर्दों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

हरम में महिलाओं को पैसा मिलता था

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरम में रखी जाने वाली महिलाओं को वेतन दिया जाता था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े पद पर तैनात महिला को 1600 रुपये मिलते थे. उस समय इतने पैसे से एक किलो सोना खरीदा जा सकता था. इतना ही नहीं, यदि कोई स्त्री अपने रूप-रंग से बादशाह को प्रसन्न कर लेती थी तो उसे नजराने के रूप में आभूषण, अशर्फी तथा अन्य वस्तुएँ भी मिलती थीं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More