देवघर में स्वास्थ्य विभाग के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का धरना 22वें दिन भी जारी रहा।

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देवघर: मंगलवार को झारखंड एएनएम जीएनएम कर्मचारी संघ व झारखंड पैरा मेडिकल कर्मचारी संघ द्वारा आहूत धरना प्रदर्शन 22वें दिन भी जारी रहा. आपको बता दें कि अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलनकारी 17 जनवरी से लगातार सिविल सर्जन कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं. आज एएनएम जीएनएम यूनियन की जिला सचिव संगीता राजहंस की अध्यक्षता में विरोध कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें इसमें करीब 70 संविदा कर्मचारियों ने भाग लिया।

इसके अलावा झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण कापड़ी, जिला सचिव अरुण प्रसाद यादव, संयुक्त सचिव संजीव कुमार मिश्रा, संघर्ष मंत्री विभूति कुमार, अरुण चौधरी, पूरन पंडित समेत अन्य नियमित कर्मचारियों ने आकर समर्थन में नारेबाजी की. संविदा कर्मचारियों की। . बैठक में आरती कुमारी, मंजू टुडू, विपिन कुमार, ब्रह्मचारी अजय कुमार, पुनीत कुमार, आशा देवी, प्रज्ञा कुमारी, अमर ज्योति सहित अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया.

कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से देवघर जिले की चिकित्सा व्यवस्था पर भारी असर पड़ा है. आंदोलनकारियों का कहना था कि हड़ताल के कारण अप्रशिक्षित लोगों से ऑपरेशन, प्रसव पूर्व जांच कराकर आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. ज्ञात हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारठ, मोहनपुर व करौं के सभी लैब टेक्नीशियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

इन तीनों जगहों से जांच कार्य पूरी तरह प्रभावित है, फिर भी तीनों स्वास्थ्य केंद्रों में हर सप्ताह दर्जनों लोगों का ऑपरेशन किया जा रहा है. ऑपरेशन या डिलीवरी से पहले सभी जांच अप्रशिक्षित और अयोग्य व्यक्तियों द्वारा की जा रही है। ऐसा करके लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस वजह से अगर ऑपरेशन के दौरान किसी जनता की जान से खिलवाड़ होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

वहीं झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा व झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष अलका कुमारी के नेतृत्व में करीब 125 संविदा कर्मचारी ‘घेरा’ में राजभवन पहुंचे. रांची में राजभवन के सामने ‘डलो डेरा डालो’ कार्यक्रम. अनशनकारियों के समर्थन में नारेबाजी की गई।

रांची में आज संविदा कर्मचारियों द्वारा भीख मांगने का कार्यक्रम आयोजित किया गया. राजभवन से भिक्षा के लिए निकलकर वह नारेबाजी और भीख मांगते हुए दरबार में गईं और वहां से रैली के रूप में राजभवन लौटीं. इस रैली में प्रदेश भर से स्वास्थ्य विभाग के लगभग 5000 संविदा कर्मचारियों ने भाग लिया। भीख मांगने के कारण रांची शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई.

गौरतलब हो कि धरने के 22वें दिन और आमरण अनशन के 15 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार का कोई प्रतिनिधि वार्ता के लिए स्थल पर नहीं पहुंचा है. जिससे संविदा कर्मचारियों में रोष है और सभी कर्मचारी मारपीट के मूड में हैं। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इन लोगों की एक सूत्रीय मांग वर्ष 2014 के पैरा मेडिकल रेगुलराइजेशन रूल्स की तर्ज पर सभी संविदा कर्मियों का सीधा समायोजन नहीं हो जाती है.

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