
रांची: झारखंड की जेलों में व्यवस्था में सुधार को लेकर न्यायालय के स्वत: संज्ञान की सुनवाई झारखंड उच्च न्यायालय में हुई. मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य के गृह सचिव को छह अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने उनसे पूछा है कि मॉडल जेल मैनुअल कब तक बन जाएगा. राज्य। इससे पहले एमिकस क्यूरी मनोज टंडन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार ने साल 2016 में मॉडल जेल मैनुअल बनाया है. इसे सभी राज्य सरकारों को भेजा गया और इसके आधार पर मॉडल जेल मैनुअल बनाने को कहा गया। अन्य राज्यों में मॉडल जेल मैनुअल बन चुका है, लेकिन झारखंड में अभी तक नहीं बना है। हाईकोर्ट में जब भी इस मामले की सुनवाई होती है तो सरकार की तरफ से यही कहा जाता है कि मॉडल जेल मैनुअल बनाने का काम चल रहा है. इस पर खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि वर्ष 2019 में भी शपथपत्र दाखिल कर राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि मॉडल जेल मैनुअल बनाने का काम चल रहा है, आज भी सरकार यही कह रही है. चीज़। जिसके बाद कोर्ट ने गृह सचिव को तलब किया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में जेल सुधार को लेकर दिशा-निर्देश दिए थे। इसी के आधार पर हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है।
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