रविवार से काम पर लौटेंगे सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बात, मौखिक निर्देश के बाद काम पर लौटने पर सहमति बनी
रांची6 घंटे पहले
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सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता रविवार से काम पर लौट आएंगे
राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता कल यानी रविवार से काम पर लौट आएंगे. इनकी संख्या करीब दो हजार है। वे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। राज्य भर से सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज राजभवन के समीप एकत्र हुए। ये सभी सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे थे. पुलिस ने उन्हें राजभवन से आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद सभी राजभवन के पास बैठ गए। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने वाले सभी सीएचओ पिछले तीन दिनों से राजभवन के पास धरना दे रहे थे. वे सरकार को अपनी मांगों से अवगत कराना चाहते थे।
प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री से की बात
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से आज सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर उनके समक्ष अपनी मांगों को रखा। स्वास्थ्य मंत्री ने उनकी बातें सुनीं और मौखिक निर्देश भी दिए। इसके बाद सभी सीएचओ ने आपस में निर्णय कर रविवार से ही काम पर लौटने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने राजभवन के पास धरना समाप्त किया। हालांकि सीएचओ के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर स्वास्थ्य मंत्री के मौखिक निर्देश के बाद जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वे फिर से कार्य का बहिष्कार करेंगे.
नियमित करने की मांग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर सचिव एवं अभियान निदेशक के पत्र के अनुसार राज्य के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत लगभग दो हजार स्वास्थ्यकर्मी नियमित करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा गृह जिले में पदस्थापन की मांग कर रहे हैं। वे सीएचओ की भूमिका और जिम्मेदारी स्पष्ट करने के साथ ही नियम बनाने की भी मांग कर रहे हैं. ये नियम बनाने में संगठन के सदस्यों को शामिल करने की बात कह रहे हैं। सीएचओ का कहना है कि उन्हें सौंपे गए काम के साथ-साथ और भी कई काम होते हैं। इस कारण मुख्य कार्य नहीं हो पा रहा है।
मानदेय मिलने में परेशानी
सीएचओ की ओर से रखी गई मांगों में बताया गया है कि कई जिलों के कर्मचारियों को मानदेय ठीक से नहीं मिल रहा है. जहां मिलता है मानदेय देने के बदले पैसा ले लिया जाता है। ऐसे में उन्हें 15000 मानदेय के साथ 25 हजार का वेतन दिया जाए। मांग पत्र के अनुसार सीएचओ को पीएफ की वेतन वृद्धि व कटौती में हर साल मूल मानदेय में 5 प्रतिशत की वृद्धि करनी होती है, लेकिन झारखंड के कुछ ही जिलों को इसका लाभ मिला है. इसे जल्द से जल्द वंचित जिलों में लागू करने की मांग की गई है. साथ ही इसे आयुष्मान योजना से जोड़ने की मांग कर रहे हैं।
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