मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के ठिकाने से करीब 25 लाख नकद बरामद, लग्जरी वाहन का है शौकिन

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रांची: मंगलवार सुबह से ही ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर वीरेंद्र राम के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. इस छापेमारी में ईडी को 1.5 करोड़ की ज्वैलरी मिली थी, वहीं ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 25 लाख कैश बरामद किया गया है. ईडी ने ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के ठिकाने से कई लग्जरी गाड़ियां भी बरामद की हैं. एसयूवी, क्रेटा समेत करीब एक दर्जन वाहन बरामद किए गए हैं। इनके पास से निवेश, जेवरात से जुड़े दस्तावेजों के अलावा कई अहम दस्तावेज मिले हैं. फिलहाल वीरेंद्र राम के ठिकाने पर ईडी की छापेमारी जारी है.
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ईडी ने वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की

ईडी की टीम ने मंगलवार सुबह से ही वीरेंद्र राम के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की है. मंगलवार सुबह वीरेंद्र राम से जुड़े अशोकनगर के कचहरी चौक के पास इंजीनियरिंग बिल्डिंग स्थित कार्यालय समेत रांची, जमशेदपुर, दिल्ली, सीवान, सिरसा के 24 ठिकानों पर छापेमारी की. ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के घर से डेढ़ करोड़ से अधिक के जेवरात बरामद हुए हैं. ईडी को वीरेंद्र राम की अकूत संपत्ति की जानकारी मिली है। जिसकी जांच चल रही है। जानकारी के मुताबिक ईडी की टीम जब छापेमारी करने पहुंची तो वीरेंद्र राम वसुंधरा एस्टेट स्थित अपने एक डुप्लेक्स में आलोक रंजन के साथ चाय पी रहे थे. एसीबी ने 2019 में आलोक रंजन के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। इसी चार्जशीट के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। वीरेंद्र राम को इसी साल जनवरी में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता का पदभार मिला था. बताया जा रहा है कि आलोक रंजन ने ईडी अधिकारी के सामने नौकर होने का नाटक किया, हालांकि जब ईडी अधिकारियों ने सख्ती दिखाई तो उन्होंने अपनी पहचान बता दी.

ईडी ने सुरेश वर्मा और आलोक रंजन के खिलाफ मामला दर्ज किया था

आनंद विहार कॉलोनी के डिमना चौक स्थित जेई सुरेश प्रसाद वर्मा के घर से एसीबी की टीम ने 2.45 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. इसके अलावा जेवरात और निवेश से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। इस मामले में ईडी ने 2020 में सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन के खिलाफ केस दर्ज किया था. एसीबी ने सुरेश प्रसाद और आलोक रंजन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था.


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