दो निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता खत्म करने की सिफारिश: नियमों की अनदेखी करते हुए उच्च शिक्षा विभाग की कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
रांची5 घंटे पहले
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दो निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता खत्म करने की सिफारिश
प्रदेश में चल रहे निजी विश्वविद्यालय नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी निजी विवि प्रबंधन नियम व शर्तों को पूरा नहीं कर रहा है। कुछ ही विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जिन्होंने सभी नियमों को पूरा करने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बनाए रखा है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच में यह बातें सामने आई हैं। विभाग द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द की जाए. वे अपनी स्थापना के पांच वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शर्तों को पूरा नहीं कर पाए हैं।
इन दोनों विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने की सिफारिश
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में रांची के प्रज्ञान विश्वविद्यालय और कोडरमा के राजधानी विश्वविद्यालय की मान्यता रद्द करने की बात कही गई है. बता दें कि 2016 में रांची में प्रज्ञान यूनिवर्सिटी खोलने की अनुमति मिली थी. अधिनियम भी लागू हुआ। लेकिन पिछले सात सालों में यह विश्वविद्यालय पूरी तरह अस्तित्व में नहीं आ सका। वहीं कोडरमा में वर्ष 2018 में खोला गया राजधानी विश्वविद्यालय पांच साल बाद भी किराए के भवन में चल रहा है। अभी तक स्वयं की जमीन व आवश्यक ढांचों के अभाव में इस विश्वविद्यालय की मान्यता रद्द करने को कहा गया है।
विवि को नोटिस भेजा जाएगा
राज्यपाल के आदेश पर जांच करने वाली उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी का गठन किया गया था. इस समिति के साथ-साथ चार अलग-अलग उप-समितियों का भी गठन किया गया। इन समितियों ने विश्वविद्यालयों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट विभागीय समिति को सौंपी। इसमें अन्य विश्वविद्यालयों में भी कई कमियां गिनाई गईं, जिन्हें दूर करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों को नोटिस भेजेगा।
विधानसभा ने एक अलग जांच समिति भी गठित की
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में निजी विश्वविद्यालयों के अवैध संचालन पर बहस के बाद इनकी जांच की बात हुई थी. झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने विधानसभा की ओर से पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. पांच सदस्यीय यह कमेटी सभी निजी विश्वविद्यालयों की जांच करेगी। इस कमेटी की कमान झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी को सौंपी गई है. समिति के अन्य सदस्य विनोद सिंह, केदार हाजरा, लंबोदर महतो और रामचंद्र सिंह हैं।
विधायक अनंत ओझा और लंबोदर महतो ने मामला उठाया
शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्य रूप से विधायक अनंत ओझा और विधायक लंबोदर महतो ने निजी विश्वविद्यालय का मुद्दा उठाया. विधायक अनंत ओझा ने कहा था कि कई निजी विश्वविद्यालय राज्य के संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं. वहीं विधायक लंबोदर महतो ने कहा था कि कई निजी विश्वविद्यालय हैं जो किराए के मकान में चल रहे हैं. यूजीसी की गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है।
राज्य के अग्रणी निजी विश्वविद्यालय
- आईसेक्ट विश्वविद्यालय
- एमिटी यूनिवर्सिटी
- अर्का जैन विश्वविद्यालय
- राजधानी विश्वविद्यालय
- झारखंड राय विश्वविद्यालय
- नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय
- प्रज्ञान विश्वविद्यालय
- राधा गोविंद विश्वविद्यालय
- रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन विश्वविद्यालय
- साईनाथ विश्वविद्यालय
- सरला बिड़ला विश्वविद्यालय
- श्रीनाथ विश्वविद्यालय
- आईसीएफएआई विश्वविद्यालय
- वाईबीएन विश्वविद्यालय
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