दीपिका पांडेय सिंह और बीजेपी कार्यकर्ता मारपीट मामला: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और मुखबिर को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर भाजपा कार्यकर्ता से मारपीट और गाली-गलौज करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की कांग्रेस विधायक दीपिका पाण्डेय सिंह की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट को हुआ ये मामला जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की कोर्ट ने मामले के मुखबिर प्रबोध सोरन और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी तय की. कोर्ट ने मामले में दीपिका पांडेय के खिलाफ कीट कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
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आरोप है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी कार्यकर्ता प्रबोध सोरेन एजेंट को ठीक करने के लिए बूथ पर जा रहे थे. इसी दौरान कार में सवार दीपिका पांडे व अन्य कार्यकर्ता पहुंचे और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की और गाली-गलौज की. मामले को लेकर गोड्डा जिले के ठाकुरगंगटी थाने में दीपिका पाण्डेय सिंह सहित 9 लोगों के खिलाफ कांड संख्या 18/2020 दर्ज किया गया था. इस प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दीपिका पांडेय की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

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