ड्राप आउट रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने कमर कसी: सरकारी स्कूलों में प्रवेश अभियान शुरू, अब घर-घर पहुंचेंगे शिक्षक, दाखिला सुनिश्चित करेंगे

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रांची2 घंटे पहले

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ड्राप आउट रोकने के लिए शिक्षा विभाग कमर कस रहा है

ड्राप आउट रोकने के लिए शिक्षा विभाग कमर कस रहा है

शैक्षणिक सत्र 2023 में कोई भी बच्चा घर पर न बैठे इसके लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को बच्चों के घर भेजा जा रहा है। शिक्षक अपने पालक स्कूल के दायरे में आने वाले घरों में पहुंचेंगे और नए शैक्षणिक सत्र में बच्चों का नामांकन कराएंगे। दरअसल पिछले कुछ दिनों में जिलों से आ रही रिपोर्ट्स में ड्रापआउट के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसे में शिक्षा विभाग चिंतित है। इस ड्राप आउट को रोकने और दाखिले बढ़ाने के लिए शिक्षा सचिव के. रवि कुमार ने सभी जिलों को निर्देश भेजकर शिक्षकों को दाखिले में लगा दिया है. जिलों को कहा गया है कि सभी स्कूल अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करेंगे, ताकि कोई बच्चा पढ़ाई न छोड़े।
इस अभियान की जरूरत क्यों पड़ी
राज्य सरकार बाल रजिस्टर को अपडेट कर रही है। अपडेशन की इस प्रक्रिया में ड्राप आउट छात्रों के आंकड़े सामने आ रहे हैं। डाटा अपलोड करते समय ड्रॉप आउट का कारण भी अपडेट किया जा रहा है। अभी तक 48 फीसदी शिशु पणजी को अपडेट किया जा चुका है। ड्राप आउट के बढ़ते आंकड़े ने शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ा दी है। इस आंकड़े को देखते हुए शिक्षा सचिव ने निर्देश दिया है कि चिन्हित ड्राप आउट बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए। वह 2023-24 के नए शैक्षणिक सत्र में नामांकित हो और नियमित रूप से स्कूल जाए। विद्यालयों में बच्चों का पंजीयन तैयार करने के साथ-साथ ड्राप आउट बच्चों के नामांकन के साथ ही सभी ड्राप आउट बच्चों का प्रवेश जून से प्रारंभ होने वाले नये शैक्षणिक सत्र में कराया जायेगा.

स्कूलों में आज से डाटा अपडेशन ड्राइव शुरू होगी
झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों की जानकारी ऑनलाइन अपडेट करने के लिए आज से डाटा अपडेशन ड्राइव शुरू होगी. यह ड्राइव दो सप्ताह तक चलेगी। इन दो सप्ताह में ई-विद्या वाहिनी पोर्टल, यू-डाइस प्लस और पीएम पोषण संबंधी जानकारी अपडेट करनी है। शिक्षा सचिव ने स्कूलों और प्रखंड कार्यालयों के निरीक्षण के लिए 19 टीमों का गठन किया है. ये टीमें 24 जिलों में जाकर निरीक्षण करेंगी। प्रत्येक टीम को एक या दो जिलों की जिम्मेदारी दी गई है।
क्या देखेगी टीम
जानकारी के अनुसार टीम विशेष आवश्यकता वाले बच्चों, कस्तूरबा गांधी बालिक विद्यालय, झारखंड बालिका विद्यालय, नेताजी सुभाष चंद्र बोस विद्यालय और 80 उत्कृष्ट विद्यालयों की जानकारी लेगी. इसके अलावा मिड-डे मील, यूनिफॉर्म-स्कूल किट वितरण, ड्रॉप आउट, शिक्षकों की बायोमीट्रिक उपस्थिति, स्कूल की स्थिति, ई-विद्या वाहिनी और यू डाइस की जांच की जाएगी।

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