पश्चिमी सिंहभूम के कोल्हान इलाकों में मौत का तांडव मच गया है। एक बार फिर मौत के रास्ते में आकर एक ग्रामीण की मौत हो गई। इस बार एक दस साल का बच्चा मौत का शिकार बना है। इन इलाकों में ग्रामीण लगातार आईईडी बमों की चपेट में आ रहे हैं। लगातार हो रहे धमाकों का शोर न तो राजधानी पहुंच रहा है और न ही ग्रामीण इलाकों में बिखरे आईईडी बमों पर कोई ठोस कार्रवाई की गई है.
आईईडी पर गिरा बच्चे का पैर, मौके पर ही मौत
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नक्सल प्रभावित टोंटो थाना क्षेत्र में गुरुवार की शाम आईईडी ब्लास्ट में 10 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई है। घटना टोंटो थाना क्षेत्र के रेंगाधातु गांव स्थित तेंदा जंगल में हुई. बच्चे का पैर आईईडी पर पड़ा तो आईईडी फट गया और बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई।
ऐसी कई घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी हैं। आईईडी की चपेट में आने से अब तक अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 8 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि की है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों ने जगह-जगह जमीन में आईईडी विस्फोटक लगाया है. जिससे ग्रामीण दिन पर दिन घायल हो रहे हैं और कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है.
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बालक अपने माता-पिता के साथ जंगल में पत्ते तोड़ने गया था।
बताया जा रहा है कि बच्चा अपने माता-पिता के साथ जंगल में पत्ते तोड़ने और लकड़ी लाने गया था। इसी बीच बच्चे का पैर नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी पर लग गया। घटना की जानकारी पुलिस को मिली। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस भी इन क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाती है। जिला पुलिस और सीआरपीएफ के जवान शुक्रवार सुबह घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।
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टोंटो थाना क्षेत्र के अंतर्गत सीआरपीएफ 174 कैंप स्थापित है। यह कैंप समय-समय पर नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन करता है। नक्सली खुद को सुरक्षित रखने के मकसद से जंगल के रास्तों पर आईईडी बम भी लगा रहे हैं. ग्रामीण इस बम की चपेट में आ रहे हैं।
कोल्हान के इन इलाकों की ग्राउंड रिपोर्ट दैनिक भास्कर ने आप तक पहुंचाई थी। एक क्लिक पर पढ़ें वहां का हाल
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