खनन पट्टा आवंटन मामले में सुनवाई अब 16 जून को: राज्य सरकार ने दाखिल किया अपना जवाब, कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह के मामले को रद्द करने का दिया हवाला

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झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच में आज सीएम हेमंत सोरेन और उनके करीबियों को खनन पट्टा आवंटन को लेकर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया। अदालत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि खनन पट्टे के आवंटन से जुड़ा एक मामला पहले ही उच्चतम न्यायालय में खारिज हो चुका है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 जून की तारीख तय की.

आवेदक ने जवाबी कार्रवाई के लिए समय मांगा है
याचिका खनन पट्टों के आवंटन से जुड़े एक मामले पर अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता सुनील कुमार द्वारा दायर की गई है। इस मामले को लेकर काफी समय से सुनवाई चल रही है. आज की सुनवाई के बाद प्रार्थी की ओर से प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय मांगा गया है. आज की सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रखा.

क्या है लीज अलॉटमेंट का मामला
दायर याचिका के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खान विभाग के मंत्री रहते हुए अंगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर खनन पट्टा आवंटित करवाया. वहीं, चान्हो के बरहे औद्योगिक क्षेत्र में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और उनकी बहन सरला मुर्मू की कंपनी सोहराई लाइवस्टॉक प्राइवेट लिमिटेड के नाम से 11 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी. सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू और सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को भी खनन पट्टा आवंटित किया गया है.

3 अप्रैल और 1 मई को भी सुनवाई हुई थी
इसी मामले में पिछली सुनवाई एक मई को हुई थी। तब सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया जा सका था। सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया था। जिसके बाद याचिका पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की. आज की सुनवाई में सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया है. उधर, तीन अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

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