
रांची: धनबाद में प्रदूषण की विकट स्थिति को नियंत्रित करने के संबंध में ग्रामीण एकता मंच, धनबाद की जनहित याचिका की सुनवाई सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई. मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बीसीसीएल और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि धनबाद में प्रदूषण की वर्तमान स्थिति क्या है. बेंच ने दोनों को जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है। सुनवाई की अगली तिथि 10 अप्रैल निर्धारित की गयी है.
सुनवाई के दौरान आवेदक की ओर से अधिवक्ता सौमित्र बरोई द्वारा न्यायालय को बताया गया कि आज भी धनबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक देखा जाए तो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और अत्यधिक प्रदूषित है। बीसीसीएल और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन उनके द्वारा किए जा रहे प्रदूषण नियंत्रण के दावे सही नहीं लगते. उनके पास ऐसा कोई डेटा भी नहीं है जो बता सके कि धनबाद में प्रदूषण के स्तर में कमी आई है. धनबाद में प्रदूषण की रोकथाम में कोई सकारात्मक असर नहीं दिख रहा है। पिछले दिनों कोर्ट ने इस मामले में बीसीसीएल, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य सरकार से पूछा था कि धनबाद में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. जिस पर उनकी ओर से हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया था। बता दें कि आवेदक की ओर से जनहित याचिका दायर कर धनबाद में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने का अनुरोध किया गया था.

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