जालसाजी का मामला: जिला जज के फर्जी हस्ताक्षर और मुहर से बनाया स्टे ऑर्डर, कोर्ट में खुला भेदभाव
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर लगाकर फर्जी स्थगन आदेश बनाने का मामला प्रकाश में आया है. मामला कथित अतिक्रमणकारी और बीसीसीएल के बीच का है. बीसीसीएल के एरिया 2 नदखुरकी में अपनी जमीन पर अवैध रूप से घर बनाकर रह रहे लोगों को हटाने के लिए बीसीसीएल ने अभियान चलाया था. संपदा पदाधिकारी द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के लिए जब बाघमारा सीओ अतिक्रमण हटाने पहुंचे तो उन्हें कोर्ट का एक दस्तावेज दिखाया गया.
इस पर लाल स्याही वाले पेन से लिखा था कि ’12 जून 2023 के आदेश पर अगले आदेश तक रोक लगाई जाती है और पूर्व स्थिति बरकरार रखी जाती है।’ उक्त दस्तावेज पर 11 जुलाई 2023 की तारीख और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के हस्ताक्षर और मुहर भी लगा हुआ था. आदेश के खिलाफ नैतिक पांडे ने 26 जून 2023 को प्रधान जिला न्यायाधीश राम शर्मा की अदालत में मिस क्रिमिनल अपील दायर की, लेकिन कोई आदेश पारित नहीं किया गया।
जब बीसीसीएल अधिकारी कोर्ट पहुंचे तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ
जब बीसीसीएल के अधिकारियों ने कोर्ट में आकर उक्त दस्तावेज की जांच की तो पता चला कि वह फर्जी है. ऐसा कोई कोर्ट आदेश जारी नहीं किया गया है. जिस तारीख को उक्त पत्र जारी होना बताया गया है, उस तारीख को अदालत में अपील भी दायर नहीं की गई थी। बीसीसीएल की ओर से यह जानकारी उनके अधिवक्ता ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को दी. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने तत्काल रिकार्ड मंगाकर अवलोकन किया तो मामला फर्जी निकला.
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