नए सत्र में कौशल विषयों की शिक्षा पर जोर
सीबीएसई की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत लर्निंग बाय डूइंग, आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग, एक्टिविटी बेस्ड, एक्सपीरियंस बेस्ड लर्निंग, मल्टीडिसिप्लिनरी लर्निंग पर विशेष फोकस किया जा रहा है। शहर के स्कूलों की प्रारंभिक कक्षाओं में विद्यार्थियों को खेलों में विषयों के बारे में बताया जा रहा है।
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छात्रों को मातृभाषा में पढ़ाया जा रहा है। वहीं कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को कौशल शिक्षा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बोर्ड द्वारा कक्षा 6 से 8 तक के लिए 33 स्किल मॉड्यूल जारी किए गए हैं। जो 12-15 घंटे की अवधि के होंगे। जिसमें 70 प्रतिशत समय हैंड्स ऑन एक्टिविटी यानी प्रायोगिक गतिविधियों और 30 प्रतिशत समय थ्योरी पर दिया जाएगा।
कई स्कूलों ने इसे पढ़ाना शुरू कर दिया है। वहीं कई स्कूलों में प्लानिंग की जा रही है कि छात्रों को कितने विषय उपलब्ध कराए जाएं। अधिकांश स्कूल प्रबंधन ने बताया कि छात्रों को 5 से 6 कौशल विषय उपलब्ध कराये जायेंगे. जिसमें से छात्र एक बार में एक विषय का चुनाव कर सकता है। वहीं कुछ स्कूलों में छात्रों को 10 से 15 कौशल विषय उपलब्ध कराये जा रहे हैं.
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जीवन में आने वाली चुनौतियों का अपने दम पर समाधान करने की क्षमता बढ़ेगी
सहोदय अध्यक्ष समरजीत जाना ने कहा कि बोर्ड के निर्देशानुसार शहर के स्कूलों में कौशल विषयों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. स्कूलों में विद्यार्थियों को औसतन 5 से 6 कौशल विषय उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सुरेंद्रनाथ शताब्दी विद्यालय की प्राचार्या समिता सिन्हा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को पढ़ाने के तरीके में बदलाव किया जा रहा है, ताकि छात्र रटंत शिक्षा से दूर रहकर विषयों को समझकर अध्ययन करें.
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ताकि छात्र 21वीं सदी के कौशल की बोरी में सीखें। जीवन में आने वाली चुनौतियों का समाधान आप स्वयं ही निकाल सकते हैं। फिरायालाल स्कूल के प्रधानाचार्य नीरज सिन्हा ने कहा कि कौशल विषयों की पढ़ाई कक्षा 6-8 के विद्यार्थियों के लिए काफी फायदेमंद होगी। इससे स्वरोजगार की प्रवृत्ति को शुरू से ही प्रोत्साहन मिलेगा।
11वीं-12वीं में 4 नए स्किल सब्जेक्ट और 9वीं-10वीं में 3 नए स्किल सब्जेक्ट जुड़े
बोर्ड द्वारा 9वीं-10वीं में 22 स्किल विषय दिए गए हैं। जिनमें से तीन नए विषय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फाउंडेशन स्किल्स फॉर साइंसेज (फार्मास्यूटिकल एंड बायोटेक्नोलॉजी), डिजाइन थिंकिंग और इनोवेशन को जोड़ा गया है। वहीं 11वीं-12वीं में 43 कौशल विषय स्कूलों और छात्रों को उपलब्ध कराये गये हैं. जिसमें इस साल चार नए स्किल विषय जोड़े गए हैं। जिसमें फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर, लैंड ट्रांसपोर्टेशन एसोसिएट, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, डिजाइन थिंकिंग और इनोवेशन शामिल हैं।