सड़क के कुत्तों से ज्यादा खूंखार घरेलू कुत्ते: 30 दिन में कुत्तों के काटने के 4050 मामले, इनमें से 60% लोगों को पालतू कुत्तों ने काटा
राजधानी में कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। प्रतिदिन औसतन 130 लोगों को काटा जा रहा है। इसका खुलासा रांची सदर अस्पताल के एंटी रेबीज विभाग में दर्ज आंकड़ों से हुआ है. भास्कर ने तीन दिन तक शहर में कुत्तों के काटने के मामलों की पड़ताल की तो सामने आया कि 30 दिन में 4050 लोग कुत्तों के शिकार बने। 120 लोगों से बात करने पर यह बात सामने आई कि इनमें से 71 लोगों को उनके घर में पाले गए कुत्ते ने काट लिया. वहीं 39 लोगों ने बताया कि आवारा कुत्तों ने उन्हें सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर काटा. 10 लोग ऐसे मिले जिन्हें बिल्ली या खरगोश ने काट लिया।
यानी करीब 60 फीसदी लोग पालतू कुत्तों का शिकार बन रहे हैं. सदर अस्पताल में रेबीज का इंजेक्शन लेने पहुंचने वालों में अधिकतर बच्चे व युवा शामिल हैं. पूछने पर बताया कि 1 से 5 साल के बच्चे पालतू कुत्तों से ज्यादा खेलते हैं। इस दौरान कुत्ते काट लेते हैं. 40 लोगों ने बताया कि उन्हें पड़ोसी के कुत्ते ने काट लिया है। एंटी रेबीज विभाग की प्रभारी किरण ने बताया कि हर माह करीब 4 हजार नए केस आते हैं। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में रेबीज वैक्सीन स्टॉक में रहती है.
बदलते मौसम से कुत्ते डरते हैं
पशु चिकित्साधिकारी डॉ. शिवानंद कांशी ने बताया कि जून से अगस्त के बीच कुत्तों के प्रजनन का भी समय होता है। बारिश के मौसम में उनमें हार्मोनल बदलाव होते हैं। इससे वे आक्रामक हो जाते हैं. कई बार उनकी भावनात्मक स्थिति को न समझे जाने पर वे हिंसक भी हो जाते हैं।
गंभीर अपरकट
डॉ. शिवानंद कांशी ने बताया कि अगर कुत्ता किसी व्यक्ति को ऊपरी हिस्से जैसे गर्दन, चेहरे या मुंह के पास काटता है तो रेबीज का खतरा अधिक होता है। ऐसे में रेबीज इंजेक्शन की चारों खुराक लेनी चाहिए, नहीं तो रेबीज के कीटाणु मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं।
शहर में 1 लाख स्ट्रीट डॉग, सिर्फ 62 हजार की नसबंदी
- शहर में 01 लाख से अधिक स्ट्रीट डॉग हैं.
- 62 हजार कुत्तों की नसबंदी कर उन्हें छोड़ दिया गया है।
- अब तक 38 हजार कुत्तों की नसबंदी नहीं हो पाई है।
- नगर निगम में मात्र 466 पालतू कुत्ते ही पंजीकृत हैं।
- 20 हजार से ज्यादा कुत्तों का रजिस्ट्रेशन नहीं.
- 1000 रुपये रजिस्ट्रेशन चार्ज लिया जाता है. इसमें वैक्सीन भी दी जाती है.
यदि कोई कुत्ता आपको काट ले तो यह करें: कुत्ते के काटने के बाद घाव को साबुन और नल के बहते पानी से साफ करें। घाव को कपड़े धोने के साबुन से धोएं। एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं. 24 घंटे में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाएं। देशी दवाइयों के चक्कर में न पड़ें. डॉक्टर की सलाह पर ही दवा-इंजेक्शन लगवाएं।
कोर्ट सख्त, लेकिन रांची नहीं : केरल में आवारा कुत्तों के हमले से एक बच्चे की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. पशु कल्याण बोर्ड और राज्य सरकारों से स्थायी समाधान ढूंढने को कहा गया है. इसके बाद कई राज्यों ने कुत्तों की संख्या रोकने और हमले रोकने की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन रांची में कोई खास पहल नहीं हुई है.
समाधान: अभियान चलाया जा रहा है, सोसायटी में बड़े कुत्ते पालने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा
स्ट्रीट डॉग्स की आबादी पर अंकुश लगाने के लिए होप एंड एनिमल ट्रस्ट प्रतिदिन 10-15 आवारा कुत्तों की नसबंदी अभियान चला रहा है। वहीं, लोग पालतू कुत्तों की नसबंदी कराने को तैयार नहीं हैं, जिससे समस्या बढ़ गई है. हाउसिंग सोसायटियों में बड़े कुत्ते पालने पर लगेगी
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