देवघर कोषागार अवैध निकासी मामला: सीबीआई ने हाईकोर्ट से सजा बढ़ाने का अनुरोध किया, कोर्ट ने मामले को सक्षम बेंच को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया

देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है
देवघर कोषागार से अवैध निकासी को लेकर दाखिल याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. यह याचिका सीबीआई की ओर से दायर की गई थी। दायर याचिका में सीबीआई ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद समेत अन्य दोषियों की सजा बढ़ाने का अनुरोध किया था. इस मामले को लेकर सीबीआई द्वारा दायर याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई. सुनवाई जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस सुभाष चंद की बेंच में हुई.
केस ट्रांसफर करने के निर्देश दिए
आज की सुनवाई में न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति सुभाष चंद की खंडपीठ ने मामले को सक्षम पीठ को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया. लालू प्रसाद और सुबीर भट्टाचार्य की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल पेश हुए। जबकि सीबीआई की ओर से अधिवक्ता पीएएस पति मौजूद रहे। देवघर कोषागार मामले में दोषियों को कम सजा दी गई।
लालू को साढ़े तीन साल की सजा हुई थी
साल 2018 में देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा हो चुकी है, जबकि इसी मामले में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा को सात साल की सजा हो चुकी है. 20 लाख रुपये जुर्माना। घटना छह फरवरी की है। देवघर कोषागार मामले में सजायाफ्ता आरके राणा और फूलचंद की मौत हो चुकी है।
क्या है देवघर कोषागार का मामला
देवघर जिला पशुपालन विभाग को पशुओं के लिए दवाइयां और अस्पताल के लिए उपकरण खरीदने के लिए 4.7 लाख रुपये आवंटित किए गए। लेकिन घोटालेबाजों ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से 89 लाख रुपये से अधिक की सरकारी राशि निकाल ली थी. सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ था।
इस पर एक नज़र डालें
- देवघर कोषागार से अवैध निकासी मई-जून 1991 से अगस्त 1994 के बीच हुई
- निकासी की रकम 89 लाख रुपये से ज्यादा थी
- सीबीआई ने 15 मई 1996 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
- जांच एजेंसी ने 27 अक्टूबर 1997 और 25 अगस्त 2004 को चार्जशीट की थी।
- 29 मई 2005 को आरोप तय किए गए
- कुल आरोपी 38-11 की मौत हो चुकी है
- तीन बने सरकारी गवाह, एक की मौत
- विचारण अभियुक्त 22
- जुलाई 2014 में आरोपी का बयान दर्ज किया गया।
- सीबीआई ने 160 गवाह पेश किए
- लालू की ओर से 16 गवाह पेश किए गए
- दो मामलों आरसी 64ए/96 और आरसी 20ए/96 में लालू ने हाईकोर्ट से सीबीआई जज बदलने की मांग की थी.
- 5 जनवरी 2018 को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को आरसी 64ए/96 मामले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई थी.
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