रांची में टाटा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बनकर तैयार है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज इसका उद्घाटन करेंगे। यह अस्पताल राजधानी के कांके में बना है। शिलान्यास के समय रतन टाटा ने कहा था कि कैंसर से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। इसका इलाज इतना महंगा है कि लोग इस बीमारी से लड़ने की हिम्मत ही नहीं कर पाते। अस्पताल कई लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अस्पताल में फिलहाल ओपीडी सुविधा के साथ 82 बेड होंगे।
झारखंड में अब कैंसर से लड़ना होगा आसान
इस अस्पताल की आधारशिला रतन टाटा और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 नवंबर 2018 को रखी थी। अक्टूबर 2022 से ही इस अस्पताल में ओपीडी शुरू हो गई थी। यहां रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी सहित कैंसर की सभी जांच व इलाज सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस अस्पताल के आने से झारखंड को कैंसर से लड़ने में और आसानी होगी। कैंसर के बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर या अन्य राज्यों का रुख करने वाले रांची के लोगों को अब इस अस्पताल से बड़ी राहत महसूस होगी. कैंसर रोगियों के लिए यह बड़ी राहत है। कैंसर के इलाज के लिए दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में जाने की जरूरत नहीं होगी। कैंसर के मरीज टीएमएच मुंबई से संपर्क करते थे। झारखंड के कैंसर मरीजों का भी रिम्स में इलाज चल रहा है.
कैंसर पर भी होगी रिसर्च
इस टाटा कैंसर अस्पताल में एक साल से ओपीडी संचालित की जा रही है। 12 मई के बाद यहां इंडोर कैंसर मरीजों का इलाज भी शुरू हो जाएगा। अस्पताल में अभी 82 बेड हैं, जिनमें से 50 फीसदी यानी 41 बेड स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हैं। अस्पताल में 14 ऑपरेशन थिएटर और 28 बिस्तरों वाला आईसीयू है। अस्पताल का निर्माण टाटा ट्रस्ट ने किया है। इस अस्पताल की खास बात यह है कि इसमें इलाज के साथ-साथ कैंसर पर भी शोध होगा। अस्पताल को मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर की तर्ज पर विकसित किया जाना है।