रांची में सेना के जमीन घोटाले मामले में अब नया मोड़ आ गया है. ईडी अब उन सभी लोगों से पूछताछ करेगी जो नोटिस भेजकर जमीन के मालिक होने का दावा कर रहे हैं. इस पूछताछ और जांच के बाद तय होगा कि जमीन का असली मालिक कौन है. वहीं ईडी के सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन को प्रवर्तन निदेशालय जब्त करेगा. वहीं सदर थाना क्षेत्र के चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ विवादित जमीन को भी ईडी जब्त करेगी. ईडी इसकी तैयारी कर रहा है।
ईडी सेना से भी पूछताछ करेगी
जमीन घोटाले के मामले में अवैध तरीके से कागजात बनाकर ईडी सख्ती बरत रही है. बताया जा रहा है कि इस मामले में न सिर्फ आरोपी बल्कि सेना के प्रतिनिधि से भी प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करेगा. मई के दूसरे सप्ताह में सेना को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जाएगा। इसके अलावा जमीन का खरीदार फिर से जगतबंधु टी एस्टेट कंपनी को नोटिस जारी करेगा कि किन परिस्थितियों में जमीन खरीदी गई।
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छवि रंजन के खिलाफ पर्याप्त सबूत
अब तक की पूछताछ में ईडी को जो जानकारी मिली है, वह आईएएस छवि रंजन के खिलाफ ही जा रही है. ईडी के पास छवि रंजन के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. छवि रंजन से अब तक की पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वह व्यवसायी विष्णु अग्रवाल के पैसे लेकर गोवा गया था। इसके साथ ही उन्होंने ईडी को बताया है कि सेना के कब्जे वाली जमीन और हेहल के बाजरा मौजा की जमीन में फर्जी मालिकों के पक्ष में फैसला सुनाया था. बता दें कि जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष को ईडी ने समन भेजा था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए. उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर बीमार होने की बात कही है।
सात आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है
इस मामले में 13 अप्रैल को छापेमारी की गई थी. जिसके बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था. करीब 12 दिनों तक उनसे पूछताछ हुई थी। उसके बाद बारगेन जोन के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना द्वारा कब्जा की गई 4.55 एकड़ जमीन का फर्जी विक्रेता प्रदीप बागची सहित कुल सात आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. सेना की जमीन के मूल दस्तावेजों से छेड़छाड़, जालसाजी व फर्जी दस्तावेज के आधार पर होल्डिंग नंबर लेने, फर्जी कब्जा दिखाकर जमीन बेचने आदि के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है.