सरकारी प्रारंभिक स्कूलाें में कार्यरत शिक्षकाें काे प्रमाेशन पाने में 25 सालाें का लंबा इंतजार करना पड़ा। वर्ष 1998 के बाद से किसी काे काेई प्रमाेशन नहीं मिला था। इसी वर्ष विभाग ने कला, भाषा व विज्ञान में ग्रेड 4 में प्राेन्नति देते हुए 398 शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची जारी की थी। इस तरह ग्रेड बढ़ने के साथ वेतन भी बढ़ गए। हालांकि 17 शिक्षकाें काे प्रमाेशन रास नहीं आया और उन्हाेंने खुद काे मिली प्राेन्नति वापस कर दी है। इसके लिए शिक्षकाें ने विभाग काे एफिडेविट दिया है कि उन्हें प्रमाेशन नहीं चाहिए और न ग्रेड-4 में प्रोन्नत होने से मिलने वाले वेतनवृद्धि समेत अन्य लाभ।
आवेदन में शिक्षकों ने बताया कि प्रोन्नति के बाद जिन स्कूलों में उनकी पोस्टिंग की गई है, वह दूर है। साथ ही कई अन्य कारणों का भी जिक्र किया है। ऐसी स्थिति में बगैर प्रमोशन ही उन्हें उन्हीं स्कूल में रखा जाए, जहां वे हैं। इन शिक्षकाें की सूची डीएसई बीएन रजवार ने सभी बीईईओ सह डीडीओ काे भेज दी है। उन्होंने कहा कि संबंधित शिक्षकाें के अलावा कितने शिक्षक हैं, जिन्हाेंने प्रमाेशन के बाद नवपदस्थापित स्कूल में याेगदान नहीं दिया है।
जानिए…क्या कह रहे हैं प्रमोशन लौटने वाले शिक्षक
नया स्कूल 22 किमी दूर,बाइक चलानी नहीं आती
प्रमाेशन के बाद जाे नवपदस्थापित विद्यालय मिला है, 22 किलाेमीटर दूर है। माेटरसाइकिल चलानी नहीं आती। 1-2 साल ही नाैकरी है। यहां अकेला रहता हूं। -अमिताभ कुमार पांडेय
तीन माह की नौकरी बची नई जगह जाना ठीक नहीं
अब केवल तीन महीने ही नाैकरी शेष रह गई है। इतने कम समय के लिए नए विद्यालय में याेगदान करना ठीक नहीं लगा। उम्र के इस पड़ाव में अचानक नए विद्यालय में जाना संभव नहीं लगा। -विजय कुमार पांडेय
21 किमी दूर नहीं जाना जहां हूं…वही बेहतर है
मेरे घर से लगभग 21 किलाेमीटर दूर के विद्यालय में पदस्थापना हुई है। सेवानिवृति में लगभग सवा साल ही रह गया है। उम्र काे देखते हुए नए विद्यालय में याेगदान नहीं कर सका। -पवन ठाकुर
प्राेन्नति लेना या नही लेना उनका व्यक्तिगत मामला
प्रमाेशन नहीं लेने से रिक्त हुए ग्रेड 4 के पदाें में अगले साल अर्हताधारी शिक्षकाें काे प्राेन्नति दी जाएगी। प्राेन्नति लेना या नहीं लेना, पूरी तरह व्यक्तिगत मामला है। -बीएन रजवार, डीएसई
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