सम्मेद शिखर को जैन समाज से मुक्त कराने की मांग को लेकर आदिवासी नेताओं ने गिरिडीह के पारसनाथ रेलवे स्टेशन पर चक्का जाम कर दिया

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गिरिडीह: शनिवार को गिरिडीह के पारसनाथ रेलवे स्टेशन पर विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान के नेताओं ने चक्का कुछ देर के लिए जाम कर दिया. इस दौरान आदिवासी नेताओं की भीड़ रेलवे ट्रैक पर बैठ गई, वहीं दूसरी ओर आंदोलन को देख डुमरी पुलिस सहित जीआरपी सक्रिय नजर आई. एसडीपीओ मनोज कुमार, नौशाद आलम समेत सीआरपीएफ के अधिकारियों ने खुद आंदोलनकारियों से बात की और कहा कि उनकी तरफ से मांगों को केंद्र और राज्य सरकार को भेजा जाएगा. इस दौरान जब आंदोलनकारी नेताओं और समर्थकों की भीड़ पारसनाथ स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम करने के लिए उतरी तो उसी समय स्टेशन से कई एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और पैसेंजर ट्रेनों के गुजरने का समय हो गया था. इसलिए इस दौरान डुमरी पुलिस और जीआरपी के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझाया और किसी तरह पूरे ट्रैक को खाली कराया गया.
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आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी नेता आनंद टुडू ने यहां जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को देश के 5 राज्यों में आदिवासी समुदाय ने कई मांगों को लेकर धरना, विरोध, सड़क जाम और रेल यातायात जाम करने का फैसला किया था. आनंद टुडू ने बताया कि झारखंड, बिहार, बंगाल, उड़ीसा, असम, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के साथ-साथ आदिवासी सेंगल अभियान आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है और देश के आदिवासी प्राकृतिक उपासक हैं, जिन्हें 2023 में सरना धर्म संहिता अपनानी है. कई आदिवासी न तो हिंदू हैं न मुसलमान और न ही ईसाई, आदिवासियों का धर्म सरना है। इसलिए पारसनाथ के सरना धर्म संहिता और सम्मेद शिखर को जैन समुदाय से मुक्त करते हुए सरकार को किसी भी कीमत पर आदिवासी समुदाय को सौंप देना चाहिए, क्योंकि पारसनाथ पर्वत में आदिवासियों के देवता मारंग बुरु हैं।

रेलवे ट्रैक को जाम करते हुए आंदोलनकारी नेताओं ने दावा किया कि जलवायु परिवर्तन की शक्ति आदिवासी समुदाय के पास है क्योंकि वे प्रकृति के उपासक हैं। जाम के दौरान आंदोलनकारी नेताओं ने हेमंत सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि पूरा झारखंड राज्य अबुआ दिसुम अबुआ राज है और आदिवासियों का गढ़ है. इसके बाद भी पूरा प्रदेश झूठ और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।

उधर, ट्रेन रोको आंदोलन में बोकारो जोन के अंचल समन्वयक आनंद टुडू झारखंड राज्य समन्वयक करमचंद हंसदा, मांझी परगना मड़वा अध्यक्ष झारखंड राज्य चंद्रमोहन मरांडी, डुमरी प्रखंड मुख्य समन्वयक अनिल हांसदा, डुमरी प्रखंड अध्यक्ष मोतीलाल मुर्मू, डुमरी प्रखंड समन्वयक सुमित्रा सोरेन्जसरना धर्म मड़वा अध्यक्ष बृजेश एवं महिला मोर्चा अध्यक्ष चकरी पंचायत कौशल्या टुडू नावाडीह प्रखंड समन्वयक जागेश्वर मुर्मू नवाडीह प्रखंड समन्वयक गणेश मरांडी, नवाडीह प्रखंड युवा छत्र मोर्चा अध्यक्ष हरि नारायण मुर्मू समेत दर्जनों आदिवासी समाज के महिला पुरुष मौजूद रहे.


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