शिक्षा विभाग का आदेश: जिले के निजी स्कूल 10 फीसदी से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते

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जमशेदपुर11 मिनट पहले

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जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने स्कूलों को नोटिस जारी किया है

जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने स्कूलों को नोटिस जारी किया है

निजी स्कूलों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक ने स्कूलों को नोटिस जारी किया है. कहा गया है कि लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि कई स्कूल 8वीं कक्षा तक के छात्रों को फेल कर रहे हैं और उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं कर रहे हैं. इसके साथ ही स्कूल परिसर में पुस्तक विक्रेताओं को दुकान लगाने की अनुमति दे रहे हैं, जो कि आरटीई अधिनियम का पूर्णत: उल्लंघन है। इसके अलावा कक्षा 9 में अनुत्तीर्ण छात्र को बिना अभिभावक/विद्यार्थी को सूचित किए टीसी जारी किया जा रहा है।

वहीं, कई स्कूलों ने बिना जिला स्तरीय शुल्क निर्धारण समिति की अनुमति के स्कूल फीस में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी कर दी है. फीस जमा नहीं करने पर छात्रों को कक्षा में बैठने से मना किया जा रहा है। विभाग ने कहा है कि ये सभी शिकायतें बेहद गंभीर हैं। ऐसे में विभाग की ओर से इन्हें लेकर निर्देश जारी किए जा रहे हैं, जिनका पालन करना स्कूलों के लिए अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएसई निशु कुमारी ने कहा कि स्कूल लगातार आरटीई एक्ट के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जो सही नहीं है। विभाग अब इनकी निगरानी करेगा।

यह आदेश जारी किया जाता है

झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के नियम (6) के तहत स्कूल 10 प्रतिशत तक फीस वृद्धि की स्वीकृति के लिए जिला समिति को भेजेंगे और किसी भी परिस्थिति में स्कूल 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं करेंगे. विद्यालय के अंतर्गत कक्षा 9 एवं 11 में अनुत्तीर्ण छात्रों को पुनः उसी कक्षा में पढ़ने का अवसर दिया जाए तथा बिना अभिभावक अथवा छात्र की सहमति के किसी को भी टीसी जारी न की जाए। कक्षा 5 तक के बच्चों को हिंदी में अनुवाद करके कक्षा में भी समझाना चाहिए, ताकि बच्चे आसानी से समझ सकें। सूचना/जानकारी माता-पिता के साथ हिंदी और अंग्रेजी दोनों में साझा की जानी चाहिए, ताकि माता-पिता को समझने में कठिनाई न हो।

शिक्षकों को छात्रों के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण व्यवहार करना चाहिए, ताकि छात्र भयमुक्त और शुद्ध वातावरण में अध्ययन कर सकें। समय-समय पर छात्रों की काउंसलिंग अनिवार्य रूप से की जाए। स्कूल हर तीन महीने में पेरेंट टीचर मीट आयोजित करें, जिसमें प्रिंसिपल, सभी विषयों के शिक्षक, अभिभावक और छात्र उपस्थित हों। स्कूलों को आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 16 का अक्षरश: पालन करना चाहिए और कक्षा 8 तक के छात्रों को किसी भी परिस्थिति में अनुत्तीर्ण नहीं होना चाहिए। स्कूल भवन या अन्य संरचनाओं या मैदान का उपयोग केवल शिक्षा और कौशल विकास के उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। यहां किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधियां नहीं होनी चाहिए।

डीसी को लगातार निजी स्कूलों की शिकायतें मिल रही हैं

गौरतलब हो कि हाल के दिनों में निजी स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चों के फेल होने के साथ ही टीसी देने का मामला सामने आया था. इसमें टेगर एकेडमी ने 84 बच्चों को टीसी सौंपी। वहीं, डीएवी स्कूल में 11वीं कक्षा में तीन दर्जन से अधिक बच्चे फेल हो गए थे। इसी तरह एक दर्जन से अधिक स्कूलों ने फीस में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी की थी। ये सारी शिकायतें डीसी तक पहुंची थीं। इसके बाद डीसी के निर्देश पर डीएसई कार्यालय ने स्कूलों को निर्देश जारी कर दिया है.

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