लापरवाही का खामियाजा छात्र भुगत रहे: न शिक्षक मिले न किताबें, बिना पढ़ाई परीक्षा देने पहुंचे छात्र, समझ नहीं आया सवाल
धनबाद2 घंटे पहले
- लिंक की प्रतिलिपि करें

पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज में परीक्षा देकर निकलती छात्राएं।
कॉलेज गए और शिक्षक नहीं मिले और बाजार गए और किताबें नहीं मिलीं… बच्चे पढ़े-लिखे भी नहीं थे, और यूनिवर्सिटी या कॉलेज भी क्लास लेना जरूरी नहीं समझते थे…। अब सोमवार को जब छात्र परीक्षा देने आए तो उन्हें प्रश्न समझ में नहीं आए। छात्राओं ने जब निरीक्षक से पूछा तो उसने भी कहा कि समझ में आए तो कॉपी में लिख लो। यह स्थिति बिनेद बिहारी महते कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद के केंद्रों में सोमवार को आयोजित स्नातक (4 वर्षीय यूजी कार्यक्रम) सेमेस्टर 1 के वोकेशनल कोर्स की परीक्षा की है.
कॉलेजों में शिक्षा की कमी के कारण कई छात्र प्रश्नों को समझ नहीं पाए। ऐसे में उन्होंने निरीक्षक से मदद मांगी, लेकिन उन्होंने भी असमर्थता जताई। ऐसे में विवि व कॉलेज प्रबंधन की अनदेखी व लापरवाही साफ नजर आ रही है. विवि व कॉलेज प्रबंधन की मनमानी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। बच्चों का भविष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है। स्नातक परीक्षा के लिए धनबाद व बेकरा में कुल 28 केंद्र बनाए गए हैं। इंट्रोडक्टरी वोकेशनल स्टडीज विषय के तहत टैली एंड जीएसटी, बीसीए, बायोटेक, ईवीएस जीई-केमिस्ट्री, बीएससी, सीए-जीई (केमिस्ट्री), बीएससी, सीएस-जीई (केमिस्ट्री), कंप्यूटर, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट समेत करीब 17 वोकेशनल सब्जेक्ट किए गए।
उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में आ सकती है परेशानी
कॉलेज से निकले परीक्षार्थियों में चर्चा होने लगी कि जब शिक्षक ही प्रश्नों को नहीं समझ पा रहे हैं तो छात्र प्रश्नों को कैसे समझेंगे। अब बीबीएमकेयू व इसके कॉलेजों में शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में परेशानी हो सकती है. व्यावसायिक विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बाहरी शिक्षकों की भी मदद लेनी पड़ सकती है। चर्चा है कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन को मूल्यांकन के लिए बाहर से शिक्षकों की मदद की जरूरत पड़ी तो परिणाम जारी करने में देरी हो सकती है.
छात्र प्रैक्टिकल में पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहे हैं
पीके राय कॉलेज के सेम 4 के कई छात्रों को प्रैक्टिकल में महज 4-5 अंक मिले हैं. इस वजह से उनका परीक्षा परिणाम प्री-फॉर्मेटेड आया है। इसको लेकर सोमवार को छात्राओं ने कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नसीद अहमद से मुलाकात की. एनएसयूआई कॉलेज अध्यक्ष राज रंजन सिंह ने कहा कि इन छात्रों को बाहरी परीक्षा में बेहतर अंक मिले हैं। हो सकता है कि प्रैक्टिकल पेपर्स का मूल्यांकन ठीक से न किया गया हो। ऐसे में पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए।
यह छात्रों के भविष्य का सवाल है। कॉलेज की छात्राओं के लिए परीक्षा केंद्र एसएसएलएनटी वीमेंस कॉलेज था, जहां प्रायोगिक परीक्षाएं भी होती थीं। प्राचार्य ने डीएसडब्ल्यू को इसकी सूचना देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग करने का आश्वासन दिया। गदा पर जिलाध्यक्ष गोपाल कृष्ण चौधरी, विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष उत्तम कुमार, कॉलेज मीडिया प्रभारी जेपी कुमार, अंजलि, नियाज, मोंटी थे।
हमारे Whatsapp Group को join करे झारखण्ड के लेटेस्ट न्यूज़ सबसे पहले पाने के लिए।
यह पोस्ट RSS Feed से जेनेरेट की गई है इसमें हमारे ओर से इसके हैडिंग के अलावा और कोई भी चंगेस नहीं की गयी है यदि आपको कोई त्रुटि/शिकायत मिलती है तो कृपया हमसे संपर्क करें।
हमारे इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद!!!