रांची में पूज्यपाद पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ने धर्मसभा में कहा- अपनी समस्याएं नेताओं के भरोसे न छोड़ें
रांची: गोवर्धनमठ पुरी के पीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज अपने चार दिवसीय प्रवास कार्यक्रम के तहत आज रांची पहुंचे. आज सुबह 8 बजे रांची रेलवे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया गया.
रांची स्टेशन पर पूज्यपाद पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य का झारखण्ड के पारंपरिक तरीके से मंदार-नगड़ा, पुष्पवर्षा से भव्य स्वागत किया गया. रेलवे स्टेशन से सीधे सेल सिटी गए जहां वैदिक रीति से शंकराचार्य का स्वागत किया गया। इससे पूर्व रांची रेलवे स्टेशन से भगवा ध्वज लेकर सैकड़ों श्रद्धालुओं को मोटरसाइकिल सहित पूज्यपाद शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का स्वागत करते हुए सेल सिटी ले जाया गया।

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शाम करीब 4.00 बजे हरमू मैदान में भव्य स्वागत हुआ और वहां बने दिव्य-भव्य पंडाल से जगद्गुरु शंकराचार्य ने विशाल धर्मसभा को संबोधित किया। इससे पूर्व कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर पारंपरिक परिधान में ढोल-नगाड़ों के साथ मंच पर उनका स्वागत किया गया। सभी भक्तों ने पुष्पवर्षा की। प्रेम चंद झा ने शंकराचार्य जी का स्वागत किया। शंकराचार्य जी ने सभी सनातनियों को यह संदेश दिया कि प्रत्येक परिवार को अपने क्षेत्र के मठ मंदिरों में एक घंटा और अपने क्षेत्र के उत्थान के लिए प्रतिदिन एक रुपया दान करना चाहिए। शंकराचार्य जी ने यह भी कहा कि आम जनता को अपनी समस्या केवल नेताओं के भरोसे नहीं छोड़नी चाहिए, बल्कि अपने क्षेत्र को समृद्ध बनाने का प्रयास करना चाहिए।
शंकराचार्य जी ने शास्त्रों के आधार पर इस सिद्धांत की व्याख्या की कि विकास की परिभाषा क्या है? सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, समृद्ध, सेवाभावी, स्वस्थ, सार्थक, व्यक्ति और समाज की संरचना क्या होगी, शंकराचार्य जी ने यह भी आह्वान किया कि अपने क्षेत्र की 80% समस्याओं का समाधान वही कर सकता है। उस क्षेत्र के लोग आपस में शंकराचार्य जी ने राजनीतिज्ञों को भी आदेश दिया कि विकास के नाम पर बरबादी और उन्माद न फैलायें, विकास की वास्तविक शास्त्रोक्त परिभाषा को समझे बिना विकास कदापि नहीं हो सकता। इसलिए हर व्यक्ति को हथियार उठाना चाहिए, माताओं को भी आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना चाहिए।
शंकराचार्य जी ने आने वाली पीढ़ी और उनके परिवारों को यह संदेश दिया कि बच्चों को बचपन से ही युद्ध कला आदि का प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी तन और मन से स्वस्थ रहे। शंकराचार्य जी ने कहा कि गौ वंश पृथ्वी का धारक है, प्रकृति का अभिन्न और महत्वपूर्ण अंग है। शंकराचार्य जी ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री को आदेश दिया कि 25-25 एकड़ भूमि चारागाह के रूप में एक जिले की पांच दिशाओं अर्थात पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण और मध्य में आवंटित की जाए।
शंकराचार्य के निजी ब्रह्मचारी श्री ऋषिकेश ब्रह्मचारी जी ने यह जानकारी दी कि भागवतपाद आदि शंकराचार्य के 2530वें प्राकट्य दिवस पर छठा हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन 25 अप्रैल 2023 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। जिसमें अनिवासी भारतीय जैसे प्रसिद्ध लोग और दुनिया भर के कई देशों के प्रतिनिधि हिंदू राष्ट्र सम्मेलन में भाग लेंगे। पूज्य शंकराचार्य द्वारा स्थापित आदित्य वाहिनी को आदित्य वाहिनी झारखंड के संगठन से जुड़ने का संदेश भेजा गया।
शंकराचार्य का अगला कार्यक्रम 17 मार्च को पूर्वाह्न 11:30 बजे सेल सिटी के सेवानिवृत्त डीआईजी श्री राजीव रंजन सिंह के आवास पर प्रश्नोत्तर कार्यक्रम होगा तथा वॉलीबॉल मैदान, सेल सिटी में धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा. 5:30 सायंकाल।
आदित्य वाहिनी के प्रदेश संयोजक शिशिर ठाकुर ने स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि गुरु जी के दर्शन मात्र से ही जीवन धन्य हो गया। मैं जीवन में उनके आशीर्वाद का जवाब दे रहा हूं, अब जीवन में कुछ और आने की लालसा नहीं है। इस शुभ मुहूर्त में रांची झारखंड में गुरुजी के आगमन से रांची धन्य हो गया। कार्यक्रम के संरक्षक प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एचपी नारायण ने कहा कि पूज्य शंकराचार्य जी के दर्शन करने से जीवन धन्य हो जाता है। उनके दर्शन और आशीर्वाद को बार-बार पाने की इच्छा होती है।
विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, समरी लाल, लीस मरांडी, गणेश मिश्रा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, भूषण झा, पूर्व आईपीएस राजीव रंजन सिंह, सुबोध सिंह गुड्डू, पंकज सिन्हा, नीरज सिंह, जयंत झा, अशोक बड़ाइक, अंचल तिवारी, सूरज चौरसिया, नवीन झा, लक्ष्मी कुमारी, धर्मेंद्र सिंह, रोहन भगत, नीरज परिहार शाहदेव, गुरुविंदर सिंह सेठी, अरविंद तिवारी, मनोज मिश्रा, आरती कुजूर, पवन साहू, प्रेम मित्तल, अमरकांत झा, शिवपूजन पाठक, आचार्य धर्मेंद्र, सरोज सिंह, अनेक ललित ओझा, डॉ. समर सिंह सहित श्रद्धालु मौजूद रहे।
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