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- सरकारी दफ्तरों में बने हैं रिचार्ज के गड्ढे, लेकिन कहीं सीमेंट से पट चुके, कहीं डंप कर रहे कूड़ा
धनबाद44 मिनट पहलेलेखक: विजय पाठक
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सरकारी महकमा गंभीर नहीं है
शहरी इलाकों में अंडरवर्ल्ड में पानी समा रहा है। जिन क्षेत्रों में पहले भूमिगत जल 50-70 फुट पर उपलब्ध था, अब वह 200-250 फुट पर उपलब्ध है। वहीं, कई इलाके ड्राई जोन बन गए हैं। इसका मुख्य कारण उचित जल संचयन प्रणाली का अभाव है। भूजल संरक्षण के नियम सिर्फ कागजों पर हैं। निजी भवनों व अपार्टमेंट में रहने वाले लोग किसी तरह जुर्माने से बचने के लिए रिचार्ज पिट बना लेते हैं, लेकिन सरकारी विभाग पूरी तरह से लापरवाह हैं। दैनिक भास्कर ने शुक्रवार को 6 सरकारी भवनों का जायजा लिया।
2 सरकारी भवनों में रिचार्ज पिट नहीं था, वहीं 4 भवनों में यह खराब स्थिति में पाया गया। गौरतलब है कि नगरीय क्षेत्र के करीब 76 हजार घरों से निगम का होल्डिंग टैक्स प्राप्त होता है. इनमें से सिर्फ 2200 घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। 8000 परिवार यह कहकर जुर्माना भरते हैं कि उनके पास रिचार्ज पिट बनाने के लिए जगह नहीं है।
समाहरणालय
गड्ढे को सीमेंट से ढका हुआ था, पाइप भी टूटा हुआ था। कैंटीन के पास बहुत पहले एक गड्ढा बना दिया गया था, लेकिन कभी यह नहीं देखा गया कि पानी आता है या नहीं। अब इसे सीमेंट से ढक दिया गया है। छत पर लगा पाइप टूट गया है।
मिश्रित इमारत
बड़ा गड्ढा बना था, लेकिन अब प्रवेश द्वार के पास बड़ा गड्ढा बना, कचरे में खो गया। बोर्ड तो लगा है, लेकिन पूरी बिल्डिंग का कचरा गड्ढे में जमा है। गड्ढे के आकार के अनुसार छत से पाइप की व्यवस्था नहीं है।
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