धनबाद में 200 से ज्यादा लोग बीमार : भोक्ता मेले में चाट, गुपचुप और छोला-भटूरा खाकर 10 गांवों के मरीज हुए बीमार, एसएनएमएमसीएच
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धनबाद2 घंटे पहले
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धनबाद में 200 से ज्यादा लोग बीमार
धनबाद में आयोजित भोक्ता मेले में जहरीली चाट, गुपचुप और छोला-भटूरा खाने से 200 से अधिक लोग बीमार हो गए. हालात यहां तक बिगड़ गए कि देर रात धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज में मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह ही नहीं बची. रात 12 बजे तक करीब दो सौ लोग अस्पताल पहुंच गए थे। आनन-फानन में सभी का इलाज किया गया। फूड पॉइजनिंग के शिकार लोगों में एक साल से लेकर 90 साल तक के लोग शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ मरीज आने से एसएनएमएमसीएच में अफरातफरी मच गई।
क्या है पूरा मामला
दरअसल जिले के बलियापुर प्रखंड के करमाटांड़ पंचायत के हुचुक टांड़ गांव में बुधवार को भोक्ता मेला लगा था. इसमें जहरीली चाट, गुपचुप और छोला-भटूरा खाने से 200 से अधिक लोग बीमार हो गए। रात करीब 10 बजे से लेकर देर रात तक लोग उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत लेकर एसएनएमएमसीएच पहुंचने लगे। यहां जगह नहीं मिलने पर लोग शहर के दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचते रहे। मेले में आए ग्रामीणों के अनुसार मेले में बड़ी संख्या में लोगों ने चाट, छोला-भटूरा, गुपचुप जैसी चीजें खाई थीं. जिसके बाद देर शाम तक सभी की तबीयत बिगड़ने लगी। लोग पेट दर्द और उल्टी की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचने लगे। पहला मरीज सुबह करीब 10 बजे आया। इसके बाद एक घंटे के अंदर करीब दो सौ मरीज एसएनएमएमसीएच पहुंच गए थे।
इन गांवों के लोग हुए बीमार
एसएनएमएमसीएच से मिली जानकारी के अनुसार देर रात तक इलाज कराने वाले लोग हुचुकुटांड़, करमाटांड़, बरई टोला, निचे टोला, आदिवासी टोला, कुम्हार टोला, बीसीसीएल कॉलोनी करमाटांड़, ढोकरा, कहलडीह, ढांगी आदि गांव के रहने वाले हैं.
जहां जगह मिली वहां इलाज किया गया
अचानक बड़ी संख्या में मरीज आने से अस्पताल में अफरातफरी मच गई। जिसे भी जगह मिली उसने वहीं इलाज कराया। इमरजेंसी में तब पैर रखने की जगह नहीं होती थी। मिली जानकारी के अनुसार इमरजेंसी में जगह कम होने पर अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें ईएनटी, सर्जरी व बाल रोग विभाग में शिफ्ट कर दिया. इन वार्डों में बेड की कमी के कारण दो से तीन मरीजों को एक बेड पर लिटाकर इलाज किया जाता था. उनके इलाज में मेडिकल छात्रों के साथ-साथ सभी जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ लगे हुए थे. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम देर रात हुचुक टांड गांव पहुंची. टीम गांव में डेरा डालकर बीमार लोगों की तलाश करती रही। बताया जा रहा है कि इमरजेंसी को देर रात ही खाली करा लिया गया।
अभी भी इलाज चल रहा है
शंकर कुमार, पलक देवी, आशा कुमारी, लखी कुमारी, नेहा कुमारी, सविता देवी, महेश प्रसाद, सजनी देवी, अंजलि, अनुभव देवी, रजनी देवी, अंजलि, भानु देवी, श्रवण प्रसाद, शकुंतला देवी, पायल, नीतू कुमारी, राधा देवी , धनवंतरी देवी, निशा कुमारी, रेखा देवी, शीतल कुमारी, सूरज रवानी, तुलसी कुमारी, शांति देवी, करण कुमार, धर्मेंद्र चौहान, अंजलि प्रमाणिक, आकाश, अरुण रवानी, अविनाश रवानी, सुजल रवानी, सूरज रवानी, शीतल कुमारी, हाकिम रवानी , अंजलि देवी, महेश्वर रवानी, शांति कुमारी, पायल कुमारी, पिंकी कुमारी, शिवानी कुमारी, पूजा कुमारी, मनीषा कुमारी, बुधन रवानी, संजना देवी, किरण कुमारी, संध्या कुमारी, तुलसी रवानी, नीलम कुमारी, सानू देवी, सुमित रवानी, महेश प्रसाद, रेणु कुमारी, ख़ुशी कुमारी, पलक कुमारी, आशीष कुमार, आकाश कुमार, पीहू कुमारी, रीता कुमारी, हेमा कुमारी, प्रीति कुमारी, पूर्णिमा देवी, कविता देवी, पूजा, सविता, मनीषा, ज्योति देवी, रेखा देवी, रीना देवा, पुष्पा कुमार, रामरती देवी, गीता देवी, अंजना देवी, हेमलाल रवानी, नुनूलाल।
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