गिरिडीह : वित्तीय वर्ष 2022-2023 में सदर प्रखंड के अधिकारियों व कर्मियों पर मनरेगा में करोड़ों का चूना लगाने का आरोप लगा.

मनोज कुमार पिंटू
गिरिडीह: वित्तीय वर्ष 2022-23 को अलविदा, गिरिडीह के अधिकारियों व कर्मियों ने ठगी करने में नहीं की कसर आइए, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मनरेगा में एक-दो लाख नहीं, बल्कि सात करोड़ 88 लाख की अनियमितता का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार पूरे जिले में 1350 लाख का आवंटन आया था. जिसमें गिरिडीह सदर प्रखंड को ही 95 लाख मात्र सामान की खरीद के लिए दिया गया था. सदर प्रखंड को इतनी राशि देने के बाद डीडीसी शशि भूषण मेहरा ने भी इसी राशि से सामान खरीदने का निर्देश दिया था, लेकिन सदर प्रखंड के पदाधिकारी व मनरेगा से जुड़े कर्मियों ने डीडीसी कार्यालय में पहले से मौजूद राशि का सात करोड़ 88 आठ गुणा राशि दी है. रुपये निकाल लिए। इतनी बड़ी गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ जब जिले के अन्य प्रखंडों से माल की खरीद के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई तो डीडीसी कार्यालय में फंड नहीं था. क्योंकि अकेले सदर प्रखंड के अधिकारियों व कर्मियों ने ही सात करोड़ 88 लाख की निकासी की.
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लिहाजा मामले का खुलासा होने के बाद डीडीसी भी सामने आए और जब शुरुआती जांच की गई तो अब तक पैसों की हेराफेरी का मामला सामने आया है. इसके बाद डीडीसी ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए डीसी को पत्र लिखा है और कार्रवाई की अनुशंसा भी की है. वैसे अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गड़बड़ी कर इतने बड़े पैमाने पर राशि की निकासी में किन अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका रही है.
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